सज़दे करूँ मैं सौ-सौ बारों, मेरा इसके बिना संसार कहाँ ? सज़दे करूँ मैं सौ-सौ बारों, मेरा इसके बिना संसार कहाँ ?
जाने कब होय अंत। चुप मुल्ला चुप महंत। जाने कब होय अंत। चुप मुल्ला चुप महंत।
बिल्कुल धीमी आंच पर लगातार पकाते जाना, लगभग आधे घंटे बाद कराची हलवा तैयार है। बिल्कुल धीमी आंच पर लगातार पकाते जाना, लगभग आधे घंटे बाद कराची हलवा तैयार है...
सौ सौ बार बिखरी हूँ मै सौ सौ बार निखरूंगी मैं एक दरवाज़ा बन्द करोगे तो…......... सौ सौ बार बिखरी हूँ मै सौ सौ बार निखरूंगी मैं एक दरवाज़ा बन्द करोगे तो…..........
ऐसा उस दिन लगा था मन को नहींं हो पायेगा यहाँ रहना मेरा। ऐसा उस दिन लगा था मन को नहींं हो पायेगा यहाँ रहना मेरा।
एक कठिन समय की शुरूआत हुई थी 1757 में, हार गया सिराज-उद-दौलह, जो युद्ध हुआ पलासी में। एक कठिन समय की शुरूआत हुई थी 1757 में, हार गया सिराज-उद-दौलह, जो युद्ध हुआ पल...